Sunday, February 9, 2020

ऑटो एक्सपो 2020

नमस्ते दोस्तों! बीते दिन 6 फरवरी को मैं ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क के पास इंडिया एक्सपो सेंटर में चल रहे ऑटो एक्सपो 2020 में नयी नयी गाड़ियों को देखने गया. इस बार के ऑटो एक्सपो में कई नामी गिरामी कंपनियों ने मंदी के कारण भाग नहीं लिया. जिसमें टोयोटा और होंडा जैसी कम्पनियाँ शामिल हैं. इस बार चीनी कम्पनियाँ भी भाग लेने वाली थीं लेकिन कोरोना वाइरस की वजह से इन पर रोक लग गयी. कुछ तस्वीर
प्रवेश द्वार 
छोटी EV गाड़ियाँ 
 बेहद कारगर गाड़ी 
Old is always Gold! :)
World Car Award goes to..
Le Fil Rouge Concept Car
Mercedes-Benz Marco Polo- A camping Car 
New Vitara Brezza- Ever Youth choice
Some more sexy and muscular cars
Beautiful Arts on the Cars
I used to be a car. 




Sunday, August 11, 2019

दिल चाहता है.


एक शायरी करने का दिल चाहता है. दिल से दिल्लगी करनेका दिल चाहता है.
धड़कन तो गैरों के लिये धड़कती है, आज खुद के लिये धड़कने का दिल चाहता है.
पलटकर जिंदगी के पुराने पन्नो पे कुछ नया लिखने का दिल चाहता है.
फिर से उनसे दोस्ती, फिर से उनसे मोहब्बत करने का दिल चाहता है.
उनके प्यार को पाने की मशक्कत, उनके अश्क के दीदार करने की जरूरत;
मोहब्बत को सरेआम करने का दिल चाहता है, मोहब्बत में बदनाम होने का दिल चाहता है.
खुद से बातें करने का दिल चाहता है, खुद से खेलने का दिल चाहता है.
खुद से खुश रहने का इंतजाम करने का दिल चाहता है, सामने बैठे अजनबी को एक मुस्कान करने का दिल चाहता है.
भविष्य को सवांरने से ज्यादा वर्तमान को बर्बाद करने का दिल चाहता है.
एक कागज़, एक कलम, एक दवात और साथ में एक बददिमाग,
एक शायरी करने का दिल चाहता है, आज कुछ लिखने का दिल चाहता है. :)

Sunday, July 21, 2019

Windows 10 restart issue: Blue Screen Error: NMI_HARDWARE_FAILURE

I have Asus X540Y laptop which I had bought 2 years before. Laptop was running good but since last 5-6 months it was showing blue screen restart issue any time. Initially I was ignoring this issue. But gradually problem was happening more frequent. There was no such symptoms that I could doubt on my laptop. I researched on google. There were so many suggestions given to resolve this issue. But almost all was in vain. I tried some of those suggestions also.

Suggestion 1- Update your driver and windows.

I updated my all drivers and updated windows 10 to latest May 2019 major update also. But it did not help.

Suggestion 2- Clean your window.

I cleaned my windows 10 by resetting it to newly fresh windows option available in setting menu. It also did not help.

Suggestion 3- Format your laptop.

I formatted my laptop. Deleted all partition. Made new partition and install a fresh windows 10. After doing that, it was working well for few hours and again it was showing same issue.

After tried all the tricks, I doubted on the hardware. So, I brought my laptop to the Nehru Place, New Delhi, a well known hub for any kind of technology. There, I first preferred to go Asus Service centre. There I heard the terminology for this issue first time. A service centre person said, "This is a BOOT DUMP issue. It may be happening due to RAM, Hard disk or Motherboard. It may cost you around 4 to 5 thousand or above depending on reason." I packed my laptop and run away from the service centre. I made my mind to buy a new laptop in exchange offer. But, in Nehru Place there are so many local shops that provide laptop repair service etc, but it is hard to find out right shop and a right person with the reasonable price to resolve this issue. I was heading back to metro,but I was caught by a hawker who was yelling "Laptop/Mobile repair?". He took me to the following shop.
I told the whole story regarding my laptop to the repair engineer. He also told me that this issue might be coming due to RAM, HARD DISK or may be some motherboard issue. I told him that I recently installed a fresh windows. Then, he told me that there is a BIOS chip on the motherboard and he was 100% sure that the BIOS chip was causing the problem because windows was installed successfully, so there is no issue in the HDD and RAM. So, finally I asked for the price, he asked for RS. 1800 and final price was Rs. 1700. He repaired my laptop. You have to very careful while they repair your laptop. He tried to make more money by insisting on me to install new window as BIOS was changed. But I refused. Because, my windows was opening as normal after repairing.
Now my laptop is working fine and no annoying blue screen came ever since. Thanks to GADGETREPAIR. 

Tuesday, January 1, 2019

Happy New Year to Me! :)

                        My 1st day on New Year 2019

 Happy new year to me. So, today was the same day just like yesterday. My half day was spent on the bed, wasting my time. Even I did not bother to reply the new year messages to my friends and acquaintances. I know this attitude is not good. But this what I am now. 
 So talking about my planning for this new year. Some of hard decision I will have to take this year.
1- Try to be more energetic while doing my job. Will try to get and clear myself what I am doing.
2- I have to pass my Economic subject back paper exam. This time the main challenge is that whoever make the question paper, I have to prepare for both. Descriptive type as well as, tricky type question. 
3- I have to confess for our relationship before my parents. For that I want to be courageous person. 
4- More saving will be my main motto.
5- Exercise is necessary for healthy body. This will be my main motive. So for this, I will START to do Exercise. :P 
6- Improve my English language skill. With remembering more vocabularies and grammar patterns and will use them. 

 So these are my challenges for this year. May God bless me power to accomplish all these target.

Aameen! :P

Wednesday, April 11, 2018

नफरत उनका मेरी ज़िंदगी सी है।

हमनशीं नहीं रह गये अब उनके

कुछ अजनबी सा समझने लगे हैं वो,

उनसे दिल लगा कर खता कर ली थी क्या हमने

जो उनको अब नागवार लगने लगा है,

बातें भी बस वही चंद सी...

कोई नहीं..

जाने बहार जाने ज़िगर

धड़कता होगा शायद तेरा दिल अभी भी कभी मेरा नाम लेकर

उसी धड़कन को हमने अपनी ज़िंदगी बना लिया है।

तेरी अजनबी नज़र में अपना मुखड़ा निहार लिया है।

तुझसे मुहब्बत है मुझे, ये शायद तू भी जानती होगी।

पर न कहूँगा दिल का दर्द तुझसे

ये दर्द ही तो मेरे जीने का सहारा है।

Saturday, March 31, 2018

तुझे प्यार हम जो करने लगे थे

जब दिलों के धड़कन मिलने लगे थे

हर सांस तेरी मेरी जिन्दगी बनने लगे थे

तेरे प्यार में हम तो मचलने लगे थे

होठों ने जब तोड़ी थी सारी बंदिशें

जुबां ने जब बयाँ की थी अपनी ख्वाहिशें

बंद आँखों से भी दिख रही थी तेरे मन की चाहतें

दो जिस्म एक जान होने लगे थे

तेरी आगोश में हम तो पिघलने लगे थे

तेरी प्यास की बूंदों से प्यास बुझाया

तेरी धड़कनों की आहट से दिल मचलाया

जकड़ लिया फिर तुझको अपनी बाहों में

प्यार छलकती गयी तेरी आंहों में

करीब से और करीब होने लगे थे

तेरी बांहों में अब हम खोने लगे थे

तारे भी अब सोने लगे थे

तुझसे प्यार हम जो करने लगे थे.






Sunday, November 26, 2017

दिल्ली में पैसे ऐंठने के तरीके।

 हेल्लो मेरे इंटरनेट के लोग, कैसे हो? काफी दिनों बाद आपसे मुख़ातिब हो रहा हूँ। दरसल, आलस्य ने हमें घेर रखा है। हमारी कल्पना को बाँध रखा है। इसी सिलसिले में न हम हम रह पाये और आप से मुख़ातिब न हो पाये। मेरे द्वारा लिखे गये इन सारी चीजों का कोई पाठक होगा तो मेरे लिये उससे खुशी की बात और क्या हो सकती है।
अब आते हैं सीधे मुद्दे पर।

तो दिल्ली, देश के दिल में मेरे द्वारा अतिक्रमण किये हुये चार साल हो चुके हैं। और इसके odd even वाले हवा में साँस लेते हुये अभी भी जिंदा हूँ। चार साल के तज़ुर्बे के बावजूद अभी भी मैं कुछ लोगों द्वारा मामू बना दिया जाता हूँ। तो आज आपको बताऊंगा कि दिल्ली में मैं किस किस तरीकों से लूटा जा चुका हूँ। 

आप दिल्ली में हो और अगर कोई अनजान व्यक्ति / मोहतरमा आपको excuse me कह के बुलाये तो बहरे बन जाना। और ज्यादा आन पड़े तो अंधे भी। 

1- दिल्ली के टसनी भिखारी लोग: तो मैं बता दूँ कि दिल्ली के भिखारियों से कभी पंगा मत लेना। ये जुबां से झूठी दुआ ही नहीं बल्कि आपको चैलेंज करते हुये भीख मांगते हैं। "अगर एक बाप की औलाद हो तो इस गरीब की मदद कर।" "अगर दिल में थोड़ी सी भी लाज़ बची हो तो इस भूखे की मदद कर।" फिलहाल इनके मांग वाजिब हो सकते हैं। ये तो सभी को पता है कि इनका अपना गैंग होता है। ये लोग जहाँ कहीं प्यार में गुटरगूँ कर रहे प्यार के पंछियों को देख लिये या बस यूं ही साथ में कोई मोहतरमा आपके साथ हो तो ये और भी पीछा नहीं छोड़ते। इस काम के लिये बच्चों वाले महकमे को अच्छी सी ट्रेनिंग दी जाती है। फिलहाल ये पैसे लेने वाले लोग हर जगह पाये जाते हैं। 

2:अब बात करते हैं उन लोगों की जो मेट्रो का पता पूछते हैं और फिर आपसे पैसे की गुजारिश भी। मेट्रो स्टेशन पर लुटेरों की भरमार है। मैं आपको एक किस्सा बताता हूँ। एक बार राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के atm से मैं पैसे निकाल रहा था। उसी दौरान एक अधेड़ व्यक्ति, दिखने में ठीक ठाक मेरे पीछे आता है। मैंने सोचा ज़नाब को पैसे निकालने होंगे इसलिये atm के दरबार मे आये हुये हैं। तो ज़नाब ने पूछा कि," पैसे निकल रहे हैं?" मैंने कहा," हाँ।" "अच्छा बेटा आपके पास सौ का चेंज होगा?" ज़नाब ने पूछा। मैंने उसे 50-50 के दो कड़क नोट थमा दिये। इस आस में कि 100 का नोट उस पार्टी से आयेगा। लेकिन वो तो सौ का चेंज लिये और मुस्कुराते हुये चल दिये। मैं तो भौंचक्क खड़े के खड़े रह गया। दूसरा वाकया बताता हूँ। मूलचंद मेट्रो पर मैं मंजिल के लिये भागे जा रहा था। तभी एक लड़के ने अचानक रोककर पूछा कि आपके पास कुछ रुपये होंगे? मेरे पास मेट्रो जाने के लिये भी पैसे नहीं हैं। उस समय मैंने उसको 50 रुपये थमा दिये थे शायद। इसी सोच में कि मेरी जापान की यात्रा में इसकी दुआ लगे।

3:अब बात करते हैं भारत के झंडे वाला बैज को आपके छाती पर जबरजस्ती पहनाने वाली आंटी लोगों की. सबसे पहली बात कि इन आंटियों से सावधान रहना. ये आंटियां आपके अस्मत पे हाथ डाल सकती हैं और आप कुछ नहीं कर सकते. एक अपना वाकया बताता हूँ. मेट्रो के आस पास इनको अक्सर पाया जाता है. मैं एक दिन जल्दी में था लेकिन मेट्रो के दरवाज़े पर तैनात एक आंटी ने मेरे छाती को पकड़ने कि नाकाम कोशिश की. मैं स्मार्ट निकला और तुरंत अपने हाथों से उनके हाथों को अपने छाती पर से हटाया और चलते बना. लेकिन उस वाकये से ये बात पता चल गयी कि इनका हाथ कहाँ तक जा सकता है. एक और वाकया आपको बताता हूँ. ये बात तब की है जब मेरा इनसे पहली बार सामना हुआ था. प्रगति मैदान में हर साल अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेला लगता है. मैं अपनी मित्र के साथ उस पुस्तक मेला में जा रहा था. प्रगति मैदान मेट्रो से जैसे ही उतरा दो आंटियों ने हमे घेर लिया और भारत के झंडे वाले बैज को हमें पहना दिया. मुझे लगा कि ये अच्छी बात है भारत के झंडे वाला बैज से मेरे अन्दर देशभक्ति वाली आत्मा जाग गयी. हमने बड़ी ही नम्रता के साथ शुक्रिया कहा और आगे जाने के लिये जैसे कदम बढ़ाया आंटी ने बोला, "बेटा कुछ चंदा तो दे दो." मैंने सोचा चलो ठीक है कोई बात नहीं और मैंने 20 रुपये निकाले और थमा दिए आंटी को. "बेटा ये क्या दे रहे हो?" आंटी ने प्रश्न किया. "कम से कम पचास रूपए तो बनते है?" आंटी ने फिर बोला. आज हमारे देश में किसी को अगर इच्छा से कुछ दो भी उसे लेने वाला उसकी कद्र कत्तई नहीं करेगा. उपर से आपसे ही लड़ पड़ेगा. आज कल भिखारी को 2 रूपये  दो तो वो आपसे 2 रुपये का सिक्का लेगा ही नहीं और आपको गाली भी दे देगा. फिलहाल यहाँ तो आंटी थीं. इनसे बहस तो नहीं कर सकते थे. और अचानक आपसे कुछ बोलता है तो कभी कभी तुरंत दिमाग नहीं चलता है. जिनका तुरंत चलता है, मैं उनको दुआ देता हूँ. तो मैंने 50 रूपये थमा दिये आंटी को. लेकिन उस दिन उस झंडे को लगाने से मुझे देशभक्ति की नहीं बल्कि "आंटी ने तो तुझे टोपी पहना दिया" वाली भावना आ रही थी. तो भाई लोग सावधान! 

4:अब बात करते हैं कुछ ऐसे समूह की जो शायद सही भी हो सकती है. लेकिन मेरे साथ ये वाकया दो बार हुआ है इसलिये मेरा इनपर से भी विश्वास उठ गया है. आपको हाल ही में हुये एक घटना के बारे में बताता हूँ. हम चारों मित्र अपने वापसी के रस्ते पर जा रहे थे. तभी एक अधेड़ लगभग 50 के करीब उम्र, वाला व्यक्ति हमसे बोलता है "भाई साहब आपको (******* भाषा) आती है?" मैं रुक गया और मेरे दूसरे दोस्त भी रुक गये. वह व्यक्ति बोला "हम यहाँ काम की तलाश में आये हुए थे. यहाँ आये तो सूबेदार ने हमें धोखा दिया. हमारे पास खाने के लिये पैसे नहीं हैं. मेरे साथ मेरा परिवार भी है. आप अगर मदद कर दोगे तो छोटे नहीं हो जाओगे...." एक समय लगा कि ये बन्दा सही बोल रहा है लेकिन फिर मुझे याद आया कि ऐसी ही हूबहू कहानी मैंने पहले भी सुनी थी और उस समय मैंने 100 रूपए थमा दिये थे. लेकिन इस बार हम लोगों से साफ़ मना दिया. अगर ये सही भी बोल रहे होंगे तो भी उनपर विश्वास कर पाना कठिन था. और ऐसा कतई नहीं होता कि भाई साहेब 10-20 में मान जाते. 

 तो ये थे कुछ वाकये जो मैंने आपसे साझा किया. ये सिर्फ इतना ही नहीं है. राजीव चौक, राम कृष्ण मेट्रो आदि जगहों पर भी "एक्स कियूज मी!" कहकर आपसे पैसे ऐंठने वाली युवतियां मिल जायेंगी. इसके अलावां भी बहुत अलग अलग तरीके के लुटरों से आये दिन आप भी मुख़ातिब होते होंगे.

इनसे बचने के उपाये क्या हो सकते हैं इसके बारे में बात करते हैं.

1: "एक्स कियूज मी!" वाले किसी भी चीज़ को जहाँ तक हो सके ध्यान देकर भी एकदम ध्यान मत देना. ऐसे लोगों के पास भी मत फटकना. 

2: पार्कों, स्टेशनों इत्यादि वाले जगहों पर ख़ास सावधानी बरतें. किसी महिला मित्र के साथ आप हों तो विशेष सावधानी बरतें. ख़ास तौर पर छोटे उस्तादों से. 

3: और तो आप खुद ही स्मार्ट हो लेकिन आपसे स्मार्ट आपके पॉकेट पे नज़र रखने वाले लोग हैं. बच कर रहना और सावधान, चौकन्ना भी.  

 और आखिर में ये कहते हुए मैं इस ब्लॉग को ख़तम करूँगा कि "दिल्ली दिलवालों का शहर है" इसको महसूस अभी तक नहीं किया है लेकिन इस पर विश्वास जरूर है. आप जहाँ रहो वहां की आबो हवा में साँस लेना सीख लो. तभी मज़ा है नहीं तो बस आपको हर चीज़ से शिकायत रहेगी. इस ब्लॉग को लिखने को मकसद दिल्ली शहर को बदनाम करने का कतई नहीं है. मैंने अपने अनुभव को मात्र साझा किया है.  

 और भी कुछ है . मेट्रो पे टिन का डब्बा लिये खड़ा "कैंसर पीड़ितों के लिये" वाला व्यक्ति. मेट्रो पे लाठी के सहारे पेन बेचते हुए "हिलते हुये बूढ़े ज़नाब". सड़क के डिवाइडर पर कुछ नंबर लिखे  हुये लैमिनेटेड कागज को पकड़ के बैठा हुआ "मटमैला अधेड़", "राजीव चौक के कूड़ेदानों से खाने के तलाश करता हुआ शायद "एक स्मैकिया"........

★ "भीख माँगना" "भिक्षा माँगना" "भीख देना" "दान देना": अपने दरवाज़े पर जब कोई भिखारिन "दई दे ए बिचिवा" कर दरवाज़े पर चिल्लाती है तो अन्दर से हम कुण्डी लगाकर शांत हो जाते हैं. या फिर उस भिखारिन को दुत्कारकार भगा देते हैं. पर जब कोई बाबा घंटी बजाते हुए आपके गली में दस्तक देता है तो हम "अनाज, तेल, रूपए आदि को प्लेट में लेकर दरवाज़े पर आ जाते हैं. और अपने दरवाज़े पर उनके दर्शन के लिये इंतज़ार खड़े रहते हैं. यही विडंबना कह लीजिये या फिर हमारा अपना विश्वास.