Wednesday, September 14, 2016

Ek Baar ho Jaye.. Phir wahi.. :)


वक़्त बदल गया बदल गया है ये ज़माना
अरे हम भी तो बदल लिए फिर न जाने कुछ खो सा गया
अकेले तन्हाई में हमने जो मज़े लिए ज़िन्दगी के
कविताओं से शांत किया करते थे मचलते इस मन को
लिख कर कुछ करके कलाकारी शांत किया करते थे  इस मन को
फिर न जाने क्यों ये करवट आयी और ये सब कहीं सो सी गयी
अभी कमी नही कोई खुशियों की
जगह नही और कोई गम की
फिर भी लगी रहती एक बेचैनी छायी
जैसे खुले धूप में मौसम है बौराई
मन करता है कि फिर से एक बार उन पन्नो को पल
तन्हाई अपनी जानेजिगर से फिर से गले मिलूं
बक्श देना मेरी जिंदगी जो तेरी खातिर
पढ़ न सका गीतों की पंक्तियाँ
न जाने क्यों तेरे बिना ही ये गीत आती है
कहतीं हैं मुझसे वही चंद पंक्तियाँ
अये मुसाफिर, "एक बार हो जाए..... फिर वही. :)

Sunday, July 24, 2016

एक और नयी शुरुआत जापानी टीचर के रूप में~~

 जनाबे अली! बड़े दिनों बाद अपना ब्यौरा देने आया हूँ. लेट लतीफी के लिए माफ़ी. जानाब खुश खबर ये है की मैंने जापानी की पढाई में एक और सीढ़ी उपर आ गया हूँ. मेरी दिल्ली विश्वविद्यालय से हो रही पीजी डिप्लोमा पूरी हो गयी है इसी जून महीन में. और अभी सफ़र ज़ारी है. इसी नाते मैं  अभी इस भाषा में परास्नातक भी करने का विचार कर रहा हूँ. और वो भी समझ लीजिये की सफर की शुरुआत होने वाली है.

 अरे हाँ! मैं तो एक बात बताना भूल गया था. ये एक वाकई में मेरे जीवन की एक अच्छा पडाव है. तो भाईयों और उनकी बहनों~! खुश खबर ये है की मैं जापान फाउंडेशन में जापनी मास्टर के रूप में इसी जुलाई से पढ़ाने लगा हूँ. ये जीवन का सबसे अहम पल मानते हुए इसे अच्छे से करने का भरसक अपना सौ प्रतिशत दूंगा. और साथ ही साथ आप लोगों के दुआओं की ज़रूरत. मेरी गुरु चिआकी सनेसेई और फिर ताकेई सनेसेई और मुराकामी सनेसेई, जिन्हें मैं तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ. और मेरी नेको♥ को भी जो मेरी हमेशा से प्रेरणा रही है.

 आज के लिए इतना काफी है. फिर मिलेंगे चलते चलते ..... :)