दोस्तों! कैसे हो भाई लोग? अपना भी दिल्ली में कट ही रहा है. पर आज कल कुछ अच्छा नही चल रहा है. अभी मैंने कल के ही पोस्ट में लिखा था कि हफ्ते भर रिलायंस का अत्याचार सहे. और जब हम आवाज़ कड़ी किये तो पता चला कि नुकसान तो मेरा ही हुआ है. और बाद में मेरा आर्डर किया फ्लिपकार्ट से मोटोरोला मोबाइल भी नही आया. फिर शाम को हमारे मकान मालिक के पियकड़ भाई ने हमसे 200 रूपया भी मांग लिया और बोला कि सवेरे दे देंगे. पर अब तो शाम हो गयी है और महाशय नज़र भी नही आ रहे हैं. और उपर से हमे और भी बुरा लग रहा है. क्यूंकि भाभी रो रही थी. वो बोल रही थी कि बच्चा बड़ा हो रहा है और इनकी दारु पीने की आदत नही जा रही है. मैंने उनके दुःख बढाने में मदद कि थी. और आज सवेरे कि बात. मैं फीस जमा करने गया तो पटा चला कि मेरा इनरोलमेंट नंबर नही है. मेरा काम नही हुआ. फिर बैठे कल कि ट्रेन तत्काल में बुक कराने. ससुरा टाइमिंग ही खराब कि वेटिंग हो गया. राम जाने घरो जा पायेंगे कि नाही. बस येही सब तंगी में आपण मेन काम पढ़ाई नही हो रही है. दिमाग कि उथल पुथल और पैसों का जंजाल. कब मिलेगा रे छुटकारा. परेसान हैं हम.........
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