दोस्तों आखिरी जुलाई का
महीना मेरे लिए सबसे यादगार रहेगा. क्यूंकि मुझे उसी महीने में काफी खुशियाँ मिली
थीं और महीने का आखिरी आते आते गम भी दे गयी. वो जुलाई का महीना मेरे करियर के लिए
बहुत ही महत्वपूर्ण महीना था. काफी आशाएं लगाये हुए बैठा था. पर निराशा जब हाथ लगी
तो दिल टूट सा गया. गलती वैसे मेरी ही थी जिसका खामियाजा मुझे ही भुगतना पड़ा. सपना
था जेएनयू में पढाई करने का. सपना सच होता भी लगा. पर जब वहां गया तो उन्होंने
मुझे इनकार कर दिया. मेरे किये का फल ये मिला की मैं निराश होकर वापस बनारस आ गया.
पर यहाँ भी मुझे निराशा ही हाथ लगी. और अब कुल मिला कर मैं बेरोजगार व्यक्ति हो
गया हूँ. मेरे पास एक साल के लिए कोई पढाई नही है. मैं केवल अपने बैक पेपर की
तयारी कर सकता हूँ और मुझे अपनी जापानी भाषा को और मजबूत बनाना है. मैंने आगे कोई
कंप्यूटर कोर्स करने की सोची है. और अगले साल फिर से बिना किसी दाग लिए हुए जवाहर
लाल नेहरु विश्वविद्यालय में फिर से आना है. और वहां पूरी मेहनत करना है ताकि मैं
अपने सेंसेयी, दोस्तों और परिवार वालों के सामने खरा उतरना है. अभी इस साल मेरा
टारगेट रहेगा कि सबसे पहेले मैं गणित को पास करके अपना स्नातक पूर्ण करूं और फिर
जापानी भाषा पे अपना पूरा शत प्रतिशत दूं. इसके लिए मुझे बस आप सब दोस्तों का दुआ
चाहिये की मेरा ये साल खूब ख़ुशी और खाब पढाई के साथ बीते. अगले साल एक स्मार्ट और
गम्भीर आदी आप लोगों के सामने आये.
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