Guys!! Result came out and obviously I was not selected for Kizuna Project to go to Japan. That was my dream but I had not done hard work for that. I became already hopeless because I have not Passport and next therefore I had not done hard work for that. Sensei was also unhappy with us. But She made promise to us to perform best in main level 2 examination. I promised to Sensei. I till then I am involved to let down Kanji nad all others. I was sad not for dis selection for Japan But for exam, not performing well in front of Sensei. I have lost Sensei's belief. We always drink tea after classes. Our Sensei was obviously hoping that we would perform better. But we did not do that as should. Ya, when Sensei messaged the result. I felt sad from myself. I had no dare to face Sensei. I knew that Sensei was also sad from our performance. She told to me that is there her Hindi is bad that you all unable to understand what I teach you. No, Sensei's Hindi is so good. Only I had not done hard work for that. Sorry Sensei.. Next time You never Sad from us... Sensei warattiru.... :)
Sunday, January 27, 2013
Saturday, January 26, 2013
Happy Republic Day!! ❤•❀.•❤
आज हमारा गणतंत्र दिवस है. इसके लिए सबको बधाईयाँ. खुशकिस्मत हैं हम कि हमने एक आज़ाद और गणतंत्र भारत में जन्म लिया. हमारे सारे स्वतन्त्रता सेनानी ने इस दिन के लिए अपने प्राण को कुर्बान कर दिया था. पर ये आजादी और ये खुशी हमे ऐसे नही मिली. संघर्ष के पल में कईयों का खून मिला. और तो और हमारा अखंड भारत टुकड़ों में बंटा. भारत माता का दायाँ हाथ पकिस्तान में कट जाता है तो भारत माता का आँचल बांग्लादेश में बंट जाता है. और इसमें झेली मासूम जनता के खून से ये संविधान लिखा जाता है. मैं नही कहता कि हमारा संविधान अच्छा नही है. हमारा सविधान दुनिया का सबसे अच्छा सविधान है और मुझे इस पर गर्व है क्यूंकि एक तो ये हमारे महापुरषों की मेहनत का निचोड़ है और इसकी हर एक स्याही में अखंड भारत के सपूतों का खून शामिल है. वैसे इमानदारी से बताऊँ तो मुझे नही पता कि हमारे लिखे संविधान में कितने अनुच्छेद और कितनी धारायें हैं. पर मुझे अपने संविधान पे पूरा भरोसा है. पर यहाँ आज मैं कुछ बातें कहना चहता हूँ.
काश धरम के नाम पे वो सीमा रेखा न होता. तो आज हम सुंदर से लाहौर और वहां की खूबसूरत वादियों का खुली सांस में मजे लिए होते. काश वो लडाई न होता तो आज हम भारत माता के लहेराते आंचल के समुंदर के निकट मजे ले रहे होते. जिहाद के नाम पे अब बस खून खराबा होता है. हर धरम का एक ही मकसद है तो ये लड़ाई अभी तक क्यूँ जारी है? कुछ होता है तो हम एक दूसरे पे आरोप लगाते रहते हैं. तुम कश्मीर मांगते हो! जानते नही की ये हमारी धरती का मुकुट है. अपनी माँ की कोख से अलग हुए तो अपनी माँ की रक्षा नही; उसी की शान को मिटाना चाहते हो! क्यूँ न हम फिर से दोस्ती का हाथ बढ़ाएं और एक हो जाएँ. धरम की किताब में कोई बंटवारा नही तो ये धरती पे लाइन खींच के क्यूँ बंटवारा? आओ इस रेखा को मिटा दे और फिर से प्यार की अलख जगा दें. देश को चलने वालों से हमारी यही गुजारिश है की नफरत के उन फाटक को तोड़ दो और हमे एक दूसरे से जोड़ दो. फिर हम तो पकिस्तान साइकिल से जाते न वीसा का झंझट होता न किसी का डर होता. चलो बात हुई ये हमारे इतिहास की दशा, जिसपे अब परिहास होता है.
पर अब ये एक और बात कहना चहता हूँ की क्या देश का संविधान सब पे सही से लागू हो पा रहा है. नही!! इसी का तो रोना है. पहले हमे इस देश के संविधान में क्या लिखा है? ये ही नही पता है और तो और लागू करने की बात तो दूर की है. मगर अब जैसे की हमारे देश के संविधान में सबको पढ़ने का अधिकार है. ये ही नही पूरा हो पर रहा है. मैं अगर अपने विश्वविद्यालय की बात करूं तो यहाँ ही कई ऐसे बच्चे मिल जाते हैं जो केवल कैंटीन और मेस में काम करके अपना और अपने परिवार का गुजरा बसर कर रहे हैं. इस ठण्ड में भी आधी आस्तीन का कपडा पहने काम करते हैं. और हम जैसे लोग बस ये लाइन लिख कर अपनी व्यथा ज़ाहिर कर देते और करते कुछ नही. लंका की सड़कों पे एक दिन मैंने गैस वाले गुब्बारे बेचते हुए बच्चों को देखा. वो बच्चा एक मोटरसाइकिल वाले को गुब्बारा बेंच रहा था. लेकिन अचानक उसके हाथ से दो गुब्बारे आसमान में उड़ गये. ये देख की मुझे लगा कि " एक ऐसा ख्वाब लिए मैं इन रंगीन गुब्बारों को बेचता हूँ; एक दिन जब पैसे हो जायेंगे तो मैं भी ऊँचे अपने सपनों का आसमान छु पाउँगा."
ओह मैं तो अपने ही भावों में लाइन से हट गया था. तो मैं ये बोल रहा था कि क्या ये संविधान सब पे लागू हो रहा है? जवाब है नही. इसी का नुकसान हम सब झेल रहे हैं. आम आदमी यदि कुछ परेशान है तो उसे ये पता नही आगे क्या क्या करे? और गलतीवश वो गलत कर बैठता है और कानून की नज़र में गुनाहगार हो जाता है. चलो मैं फिर से अपने विश्वविद्यालय आता हूँ. यहाँ हमारे बिल्डिंगों की नीव उन गरीब और अनपढ़ मजदूरों के पसीनों से खड़ी हुई है जो अपने बच्चों को केवल पाल सकते हैं. उन्हें स्कूल भेजने के लिए उनके पास इतना पैसा नही होता है. और हम लोग उन्ही के बनाये गये क्लास में पढाई करते हैं. "वो पत्थर तोडती एक बुढ़िया, वो बोझा ढोती नवयावना, वो नयी दुल्हन का अपने कोमल हांथो से सीधे बोझा ढोना. वो झुकी कमर लिए हुए बुड्ढे का मसाला मिलाना तो वो नये दुल्हे का प्लास्टर करना." ये हमारी नीव बनाते हैं और हम हैं जो इनको भूल जाते हैं.
मैं क्या करूं इन लोगों के लिए सिवाए अपना लेख लिखने के बजाय. "एक दिन मैं काबिल हो जाऊंगा और अपनी किस्मत बदल के मैं इस देश का भविष्य बनाऊंगा, तो हाथ बढ़ाओ हाथ मिलाने के लिए, प्यार बढ़ाएं और सबको जताएं कि ये देश हमारा प्यारा है इस मिट्टी की सोंधी महक में हम पले हैं और इसकी रक्षा हम ही करंगे. जय हिंद जय भारत."
Thursday, January 24, 2013
Today Japanese Selection exam!!
今日日本語のしけんがあった。しけんはむずかしでした。しけんがわるいんなった。12にんはしけんはあげました。きょうはとてもさむいもいるんですから、みんな勉強した、わすれたんです。So Sad!! I could not perform well today. Honestly speaking I was stuck in lesson 26 and did only research on that. I was nervous today too much because I had not prepared much as Sensei expected to me. Sorry, Sensei.. I become too lazy even for my future. What will happen to me? I don't know.. I am able to give many excuses for it. But totally, It was my blunder.. I accepted my guilt. Next Time I will do hard... I said this sentence for calm down to me. but you know even I can not believe myself then what about Sensei! How she can believe me?? Gomen Ne..
What is the confusion written on my face??
Hello Guys!! I am sick these time. I have stomach problem as well as skin problem. Its itching problem in in body. Ahh!! Bad na?? I also hate. Therefore I went to S.S.Hospital of my college BHU. Today, too much rush for Dr. Sanjay Singh, skin Specialist. I waited for 30 minutes, and oh! My number had been come. I told my problems. He observed me and wrote down cure. Then he handed over to a Ma'am, I moved to her, she told me "wait there and i am writing medicine." I waited few minutes but meanwhile I observed students under this doctor. Wow, one lady is so beautiful wearing goggles, and punjabi kurta. My God! looking so so... not share here. ok then Ma'am called me, first question from her was-"Could you understand Hindi?" I smiled myself and told her yes.. Then she made me understand the time table of medicines. Oh God! tough to remind... :( but I have to be.. After that I returned to hostel. Bs itna sa hi hai..
Thursday, January 17, 2013
दिल की बात बताना भी गुनाह होता है.
उनकी कशिश मेरे आखों में थी,
उनकी हर अदा का जो मैं दीवाना था.
उनका यूँ आना और मुस्कुराना,
उनसे बातें करना और फिर दिल लगा बैठना
मेरी किस्मत में था.
पर अपने दिल की बातें हमने अपने दिल में ही रक्खी थीं यूँ ही,,
पर अचानक शोर मचा इस दिल में की हमने अपनी बात उनसे कह डाली थी.
सोची वो कि ये भोला है, बातें इसके जाया हैं.
इसने तो बस यूँ ही हमसे दिल लगाया है.
पर जब मैंने अपने सपने की बात उनसे बतायी...
उन्हें हमसे नकारा हो गया..
अब बात नही होता उनसे,
अब तो हमे बेकार समझ लिया..
पर बात समझ आ गयी हमको..
दिल को इससे दिल्लगी मत करना ...
अपनी जावानी को यूँ बेरुखी मत करना
नही तो चार दिन की चादनी रात के बाद
चिराग भी न मिलेगा उस अंधरे तले..
वो दफा हमने अपना सपना बयां कर दिया था..
बस तबसे वो हमसे ख़फा हो गये..
और हम उनकी जिन्दगी से दफ़ा हो गये..
प्यार का राछस बड़ा बलवान होता है.
दिल की बात बताना भी गुनाह होता है...
उनकी हर अदा का जो मैं दीवाना था.
उनका यूँ आना और मुस्कुराना,
उनसे बातें करना और फिर दिल लगा बैठना
मेरी किस्मत में था.
पर अपने दिल की बातें हमने अपने दिल में ही रक्खी थीं यूँ ही,,
पर अचानक शोर मचा इस दिल में की हमने अपनी बात उनसे कह डाली थी.
सोची वो कि ये भोला है, बातें इसके जाया हैं.
इसने तो बस यूँ ही हमसे दिल लगाया है.
पर जब मैंने अपने सपने की बात उनसे बतायी...
उन्हें हमसे नकारा हो गया..
अब बात नही होता उनसे,
अब तो हमे बेकार समझ लिया..
पर बात समझ आ गयी हमको..
दिल को इससे दिल्लगी मत करना ...
अपनी जावानी को यूँ बेरुखी मत करना
नही तो चार दिन की चादनी रात के बाद
चिराग भी न मिलेगा उस अंधरे तले..
वो दफा हमने अपना सपना बयां कर दिया था..
बस तबसे वो हमसे ख़फा हो गये..
और हम उनकी जिन्दगी से दफ़ा हो गये..
प्यार का राछस बड़ा बलवान होता है.
दिल की बात बताना भी गुनाह होता है...
Wednesday, January 16, 2013
Arigatou Sensei!!
Today I am happy, you know the reason?? Ok, I am telling you, fist reason is that my Japanese class is started again and today I met Nao Sensei as well Suzuki Sensei after a long time. Oh! you can ask me that what is new? No way how can I tell you so easily? So, I bored you all in detail. First I attend the class in rush, classroom was not opened, so sat on the ground in Art Faculty. Nao Sensei had given us candy for New year. After that enjoyed study. And then after attacking of Mosquitoes, we over the class and then we went for chai at Bau Saheb. Sensei joked to me that Yagi Sensei has not given money for you. But when She gave me 2000 rupees for my work, I totally overwhelmed. This is the first time when I get paid for my own work. Thanks to Sensei... ❀.•❤•.✿.•❤•❀.•❤•.✿.•❤
Friday, January 11, 2013
Happy New Year to all !!!
Wish you all Happy New Year my friends. I know it is late wish but My wish is from my heart so please accept it. I'll be happy. So friends how was your new year? I suppose it was sweet and Happy. My new year is stared with study. Is it not good? Obviously, it is good but Ah!! you know it is hard to me. so on 31 Dec night, I prepared Statistics at last night and also next morning for afternoon fight. So as usual exam was not so good for me, and I could not do as my best. Yet I enjoyed New year in different way. Totally Good Start for me.
I want to tell something that I feel about Japan and Japanese people.. Japan is a beautiful country as well as cheering country. I want to go to Japan and feel all the things in real sense. Oh, about Japanese people.. They are closely Heart. They are cheering and also friendly. Many similarities are seen between Indian culture and Japanese culture. Watashi Nihon ha daisuki.. ❀.•❤•.✿.•❤•❀.•❤•.✿.•❤
I want to tell something that I feel about Japan and Japanese people.. Japan is a beautiful country as well as cheering country. I want to go to Japan and feel all the things in real sense. Oh, about Japanese people.. They are closely Heart. They are cheering and also friendly. Many similarities are seen between Indian culture and Japanese culture. Watashi Nihon ha daisuki.. ❀.•❤•.✿.•❤•❀.•❤•.✿.•❤
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