Tuesday, December 25, 2012

अभी तो ये कल की बात लगती है!!!

Hello Friends!! since few day, I am unable to sleep properly cause I miss all Japanese came to Varanasi...
Those three days will be remarkable in my life always... I don't know what Magic they brought with them that I am hardly forgetting them.. These lines all totally dedicated to all of them.... But I mention Ms. Fumika who was with me in that fieldwork.. She was such a real cute girl and her silence told me her sweetness.. So, Ms. Fumika if ever read my blog plese read my lines written for You with my Heart... JJJJJ
May be word seems difficult for you to understand but You easily understand my feelings.... I miss you lot..
ふみかさんわらっている。

あなたがいなくて寂しいです.

अभी तो ये कल की बात लगती है;
कि उनसे जब हमारी मुलाकात हुई थी.
न समझे उनकी बात, पर न जाने कितनी बात हुई थी.
यादों के उन पलों में इस पल की मिठास लगती है..
अभी तो ये कल की ही बात लगती है..
तीन दिनों का उनका साथ भुलाये न भूलता है;
यादों की महफिल में वो सावन सा झूलता है.
हर पल उनकी याद साथ रहती है;
अभी तो ये कल की ही बात लगती है.
पहली मुलाकात की शर्माती घड़ी....
दिल की हर बात बयान न कर पायी उनसे...
फिर भी उनकी याद दिल में हर बार लगती है;
अभी तो ये कल की बात लगती है.
वो शांत सी प्यारी सी एक परी...
न जाने क्यूँ खामोश बैठी थी?
शोर में भी एकदम अकेली.......
न जाने क्यूँ खामोश बैठी थी?
लेकिन मुस्कुराते नमस्ते के जवाब में भी....
मुस्कराहट आती है...
उसके मुस्कुराते चहेरे में ख़ुशी की दीदार लगती है;
अभी तो ये कल की बात लगती है.
याद आता है हर पल बिताये जो हमने उनके संग..
प्यारे क़दमों से छोटे छोटे कदम चलना...
और अपने छोटे होंठों से शुक्रिया कहना...
उनकी हर अदा अब सपने का दीदार लगती है;
अभी तो ये कल की ही बात लगती है.
माफ़ी चाहता हूँ मैं आपसे जूते जो गंदे हुए थे...
बाहर जा के आपने उनको पानी से धुले थे..
खामोश जुबाँ पे अब वो आवाज़ लगती है;
अभी तो ये कल की बात लगती है.
सात समुन्दर पार से वो आई थीं..
इसलिए हर बात उनकी अनजान लगती थी..
फिर भी भाव दिल से उनकी जान लगती थी..
इशारे उनके अब मजेदार लगती हैं..
अभी तो ये कल की बात लगती है.
दिल तो एक ही थे हमारे जो साथ साथ धकड़ते थे...
इशारों में उनके और हमारे आँख फड़कते थे...
इसलिए हर बात अनजान होते हुए भी जानी लगती है..
अभी तो वो कल की ही बात लगती है.
शुक्रिया कैसे करें हम उन बिताये पलों को जो आपके संग बिताये थे.
साथ मिलकर हमने तो हर परेशानी मिटाए थे..
एक मुस्कान आपके चहेरे की...
मेरे दिल को आराम लगती है.
अभी तो ये कल की ही बात लगती है.
आखिरी शाम का वो भावुक पल
जब आपने हमें शुक्रिया कहा था..
विदाई के उस पल में..
मन ने भी आँसू बहा दिए थे ..
अब तो वो पल सपनों में ही फ़रियाद लगती है..
अभी तो वो कल ही बात लगती है.

1 comment:

दिलीप said...

अच्छा है छोटे ऐसे ही लिखते रहो................