हेल्लो मेरे दोस्तों!! मेरे को आज न कुछ लिखने मन कर रहा है. अरे बात ये है की कल हमारे University में राहुल गाँधी आये थे. अच्छा तो हम लोग भी invited थे तो चल दिए अपनी क्लास मिस कर के उनसे मिलने. पर उनसे मिलने के लिए हमे इतनी जिल्लत उठानी पड़ी की पूछो मत. कहा गया की सर पे काली टोपी भी न हो तभी अन्दर गुसने को मिलेगा. तो भाई हमे तो अपनी टोपी भी उतार के फेकनी पड़ी. फिर वो १:३० घंटे का इंतज़ार और बाद में लड़कों का ill mannered तरीके सा चिल्लाना और तब जाके राहुल गाँधी का आना. Personality तो थी गज़ब की क्योंकि एक पीस के लिए इतनी तगड़ी सुरक्षा. और जब वो आयें तो तालियों की gargarahat से भर उठी. But आईटी के बच्चों का जानवरों जैसा चिलाना सबसे खराब लगा. वैसे उनका भासन तो ठीक ही लगा. lekin युवा shakti के लिए तो Education तो सबसे बुनयादी चीज़ है. लेकिन इस बुनियाद में कमी है तो युवा shakti कैसे आगे बढे? बात kie जाये इस Education सिस्टम तो ये हमे knowledge तो देता है लेकिन Moral values को गायब कर दे रहा है. आज के युवा पढाई में तो आगे हैं लेकिन उनका attitude तो जानवरों से भी बुरा होता है. और यही बात हमने दिखा दिया राहुल गाँधी को. क्योंकि उनके सामने ही बच्चे लोग इतना चिल्ला रहे थे की ये कोई सब्जी मंदी में आ गये हों. लेकिन उनका तो कहेना था ही यदि इस देश को change करना है तो हमें राजनीति में युवा लोगों ही जरुरत है. लेकिन क्या राहुल जी आप नहीं जानते हैं की यदि aise युवा राजनीति में आयें तो हमारा देश ही का क्या होगा वो तो राम ही जाने. तो जरूरत है हमे इस बुनयादी शिक्षा में परिवर्तन करना पड़ेगा. बच्चा क्या बन्ना चाहता है ये हमे वो sikhaye लेकिन क्या बनना चाहिये ये बात इस शिक्षा से सीखने को मिलती है जो की गलत है. चलो बात तो बहुत हो गयी. अब बात करते हैं अरे कहाँ थे? ओह तो राहुल जी अपना भाषण ख़तम किया और बच्चे लोग भागे बहार. और तोड़ दिया दरवाजा. दिखा दिया उनको की हम भारत के नंबर एक University में padhte हैं....
गर्रर..........
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