Sunday, April 21, 2013
Friday, April 19, 2013
अब शायद अलविदा बोल दूं.
जिस रस्ते पे कदम मिलते थे;
अब उन रास्तों को छोड़ दूं.
गलियों में थी जिनकी यादें; अब उन गलियों से मोड़ लूं.
हाथ थामे थे जिनके; हाथ उनसे छोड़ लूं.
अब शायद अलविदा बोल दूं.
कंधे पे जिनके रखे थे हाथ;
कंधे से कंधा मिलाकर साथ
चलने की थी बात.
अब बात उनको भूल दूं;
अब शायद अलविदा बोल दूं.
मुस्कुराते चहेरे की वो बात,
दिल भी धड़का था जिनके आस,
पर न कह पाने के कारन हूँ निराश
अब ये दिल की बात अपने ही अश्क से बोल दूं,
अब शायद अलविदा बोल दूं.
वो तफ़रीह के पल,
वो दोस्तों के संग हलचल;
वो हंसना, चिल्लाना और अचानक शांत हो जाना;
अब वो पल से शायद रिश्ता तोड़ लूं.
अब शायद अलविदा बोल दूं.
सूख गयी हैं ये आखें, आसूं से इनको धो लूं.
अब शायद अलविदा बोल दूं.
अब उन रास्तों को छोड़ दूं.
गलियों में थी जिनकी यादें; अब उन गलियों से मोड़ लूं.
हाथ थामे थे जिनके; हाथ उनसे छोड़ लूं.
अब शायद अलविदा बोल दूं.
कंधे पे जिनके रखे थे हाथ;
कंधे से कंधा मिलाकर साथ
चलने की थी बात.
अब बात उनको भूल दूं;
अब शायद अलविदा बोल दूं.
मुस्कुराते चहेरे की वो बात,
दिल भी धड़का था जिनके आस,
पर न कह पाने के कारन हूँ निराश
अब ये दिल की बात अपने ही अश्क से बोल दूं,
अब शायद अलविदा बोल दूं.
वो तफ़रीह के पल,
वो दोस्तों के संग हलचल;
वो हंसना, चिल्लाना और अचानक शांत हो जाना;
अब वो पल से शायद रिश्ता तोड़ लूं.
अब शायद अलविदा बोल दूं.
सूख गयी हैं ये आखें, आसूं से इनको धो लूं.
अब शायद अलविदा बोल दूं.
Thursday, April 4, 2013
いつもきみを思い出す。・゚゚・(>д<)・゚゚・。
あるくときはいつもきみをおもいだす、
自転車をのるときはいつもきみをおもいだす、
みかんをたべるときはいつもきみを思い出す、
「バー(ぶー)ブー」をきくときはいつもきみをおもいだす、
でも、
淋しいときはいつもとてもきみをおもいだす;
しずかなときはいつもとてもきみをおもいだす。
わらいかお、かわいこえ、青春うたぜぶをおもいだす。
ぜんぶを心にちょきんしたい;
でも、
かなしいときはいつもとてもきみをおもいだす。
どしておもいだす?わからない。。
でも、おもいだす、いつもだけおもいだす。
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जब कभी मैं हँसू तो हँसी आपकी याद आती है;
जब कभी मैं चलूँ तो साथ आपकी याद आती है.
साइकिल पे जब मैं बैठूँ, तो वो संगीत मुझे याद आती है,
संतरे को जब मैं खाऊँ, तो वो मिठास मुझे याद आती है.
वो प्यारी आवाज़, बाबू का कहना..
थोड़ी मस्ती, खूब अच्छी, खिखिलाकर वो हँसना.
पर जब दिल को अकेला लगता है,
समां जब शान्त रहता है;
तो मन में आहट आपकी आती है
बस याद आपकी बहुत आती है.
वो हँसता चहेरा, वो प्यारी आवाज़, वो मस्ती के गीत,
हँसता हर एक साज़,
सब याद आती है और चहेरे पे मुस्कान लाती है.
पर, न जाने क्यूँ जब ये दिल रोता है, तो आपकी बहुत याद आती है..
वो मुस्कराती सुबह, तो वो थकान भरी शाम..
आम दिन में कुछ नया; भर दी थी एक मुस्कान..
याद आयें वो दिन और दिल में कहीं बस जायें..
जब दिल के तार बधें आपसे तो..
फिर वो पल याद आयें, हमेशा वो पल याद आयें.
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