Thursday, January 17, 2013

दिल की बात बताना भी गुनाह होता है.

उनकी कशिश मेरे आखों में थी,
उनकी हर अदा का जो मैं दीवाना था.
उनका यूँ आना और मुस्कुराना,
उनसे बातें करना और फिर दिल लगा बैठना
मेरी किस्मत में था.
पर अपने दिल की बातें हमने अपने दिल में ही रक्खी थीं यूँ ही,,
पर अचानक शोर मचा इस दिल में की हमने अपनी बात उनसे कह डाली थी.
सोची वो कि ये भोला है, बातें इसके जाया हैं.
इसने तो बस यूँ ही हमसे दिल लगाया है.
पर जब मैंने अपने सपने की बात उनसे बतायी...
उन्हें हमसे नकारा हो गया..
अब बात नही होता उनसे,
अब तो हमे बेकार समझ लिया..
पर बात समझ आ गयी हमको..
दिल को  इससे दिल्लगी मत करना ...
अपनी जावानी को यूँ बेरुखी मत करना
नही तो चार दिन की चादनी रात के बाद
चिराग भी न मिलेगा उस अंधरे तले..
वो दफा हमने अपना सपना बयां कर दिया था..
बस तबसे वो हमसे ख़फा हो गये..
और हम उनकी जिन्दगी से दफ़ा हो गये..
प्यार का राछस बड़ा बलवान होता है.
दिल की बात बताना भी गुनाह होता है...