Friday, November 23, 2012

आज मुझे फिर सो लेने दो!!

This is dedicated for someone special.....


आज मुझे फिर सो लेने दो
उसकी यादों में जो खोना है
आज मुझे फिर सो लेने दो
उससे जो बातें करना है.
हकीकत में तो हमें हिम्मत नही पड़ती
सपने में ही उससे मिल लेने दो
आज मुझे फिर सो लेने दो....
ढाई अक्षर के उस शब्द को मैंने उससे जब बोला
मुस्कुरा के पलकों को नीचे कर लिया था उसने
इश्क की चादर से ओढ़े इस सपने में
जी भर के बातें कर लेने दो....
आज मुझे फिर सो लेने दो.
हकीकत में ही न सही, सपने में ही मिल लेने दो
आज मुझे फिर सो लेने दो.
सपनों में बस यही सपना आता है
उसका मुस्कुराता चेहरा हमेशा सामने आता है
उसके मुखड़े का जी भर के दीदार कर लेने दो
आज मुझे फिर सो लेने दो.
सोते सोते फिर वो नाचीज़ सुबह क्यों आती है?
प्यार भरी वो बातें, सपनो में ही खो जाती हैं.
हकीकत तो अलग हालात दिखाती है.
.........................
हर दिन उसका दिलों में इंतज़ार होता है...
आखें भी उनके लिए बेकरार होता है.....
क्या इस बेकरारी का नाम प्यार होता है?
तो, उस प्यार में मुझे यूँ ही खो लेने दो.....
आज मुझे फिर सो लेने दो
आज मुझे फिर सो लेने दो...
हकीकत में न सही, सपने में मिल लेने दो ..
आज मुझे फिर सो लेने दो!!

1 comment:

दिलीप said...

nice line............ i like it.......