Sunday, April 25, 2010

ओह मैं तो तंग आ गया EXAM देते देते।

ओह हैल्लो भाई लोग! का हाल बा? हमार ते ने पूछा। बस ई examवा का देत देत हमार जियरा ऊब चुकल बा। ते आज हम तोहन पचन लोगन के अपन sad पकाऊ किस्सा सुनाये जा थी। दिलवा के थाम के रखियेगा काहे की ई किस्सा कमजोर दिल वालन के लिये घातक हो सकला। ते सुना
ई कहानी हो एक लइका के जेके नाम होके आदित्य। अरे भीई हम ही ते होली। अब अपन किस्सा में हम नाही रहिब तब के रही? अच्छा ते आगे सुना
बात 1 अप्रैल से चालू हो ला। अबले अबले बोर्ड EXAMवा से पीछा छूटल रहल की 11 APR के फिर का कहने अरे iitवा के EXAMवा से ढिशुम ढिशुम करेके रहल। अब ला अपन बोर्ड के EXAMवा में ते मक्खी मरली है तब्बो iit के ओखलिया में खोपड़िया देले रहली ते मुसरवा का काहे डरी। ते हफ्ता भर हईये काम मतलब की बस computerवा पे बैईठ के बस orkutting, blogging करत रहली। असल हमके एके नशा 8वीं के आखिर में चढ़ल रहल। तब से अभिन तक ऐके भूतवा से पीछा नाही छूटल बा। ई हमार तब से पढ़ाई चौपट कई देले बा। ते कहाँ रहली? हाँ iit के तैयारी ते गइल तेल लिये। हम ते अपन time ते बस खाये, पीये और सोइले में बितइली। अब आ गइल sunday मतलब की 11 तारीख़ हमार आफत..
;-(
ते हम पहुँचली CENTRAL ACADEMY . रोल नम्बरवा देखली अन्दर घुसली। कापी मिलल और हमके

नींद आये लगल। वैसे सोये के कोशिश ते नाही कइली लेकिन झपकी ते आ ही गइल। ते अक्कड़ बक्कड़ कइके पेपर पूरा कइली। और बाहर भगली। 6 घंटा ओफ्फ! ई गर्मी में ते हम ते पक गइल रहली। घर अइली पिक्चर देखली और सो गइली। खर्र खर्र...
सब काला अच्छर भैँइस बराबर। अभिन कहाँ छुटकारा मिलल। 16 तारीख़ के फिर मरेके रहल। isat के पेपरवा रहल। ते फिर हउये कहानी..
खा पीया खेला और सो जा। जब कितबवा के हाथ लगवत रहली निद्रा रानी हमके घेरे लगत रहनिन। हे भगवान हमार भविष्य का होई। 16 तारीख़ आइल। और हमार बाजा बजा के चल गे। पेपरवा ते इकदम अब का बतायी। अइसे NDA के भी बीतल।फिर हउये कहानी...
सोवल गाइल खेलल कूदल लेकिन पढ़ल गइल भाड़ में। ऐ ला अभिन ते AIEEE बकिये रहल। आज गईल रहली गोला लगाये। ई ते औउर बेकार हो गइल। बहूहू...
ते हयी रहल हमार दुख भरल दास्ताँन।;-( :'(

1 comment:

दिलीप said...

bhojpuri me kaisan like lagla bhai auri ta theek ba ne....